कुड़मि :- एक TRIBE है क्योंकि
1) एक RACE(नसल)है,जिसके जीन में पिछले पाँच हजार सालों से मिलावट नहीं हुआ है।
2)मूल बास क्षेत्र छोटानागपूर का पठार है जहाँ उसने सबसे पहले धान के खेत बनाए व गाँव बसाए क्योंकि यहाँ उसकी जनसंख्या सर्वाधिक है।
3)के बाहर से आकर बसने का कोई प्रमाण नहीं है।
4)81 गुसटि में बँटा है,अपनी गुसटि में शादी नहीं करता।
5)गुसटिनाम छोटा नागपुर पठार में पाए जाने वाले जीव जंतु पेड़ पौधों से है।
6)अपनी भाषा कुड़मालि है।
7)13 राइ रइया,13 परब हैं।
8)विवाह व श्राद्ध के अपने नेग नियम हैं।
9)विवाह बहनोई/बुजुर्ग व श्राद्ध भइगना की अगुआई में होता है।
10)किसी लिखित धर्म से संचालित नहीं होते।
11)प्रथानुसार उत्तराधिकारी चयन करते हैं व विरासत सौंपते हैं,जिसे कानुनी मान्यता है।
12)की जमिनों की खरीद बिक्री जिले के निवासियों के बीच जिलाधिकारी के आदेश से संभव है।(CNT ACT 1908)
13) दो पिढ़ि पहले गँवई जीवन व राजनीतिक चेतनाशील न रहने के कारण मिले हुए अधिकार समझ ही नहीं पाए।
14)चतुर सत्ता लोलुपों ने मौलिकता से भटकाया ही नहीं बल्कि तीन भिन्न भाषाई राज्यों उड़ीसा,बिहार,बंगाल में जनसंख्या को बाँट दिया।
15)1903 में पूरा क्षेत्र कुड़मालि था।
16)नवागंतुकों ने विगत 70 वर्षों में कुड़मालि को सिर्फ उच्चारण विविधता के कारण खोरठा,नागपुरी,पंचपरगनिया,
सादरी कह बांट दिया ।
17)दो पीढ़ि पूर्व ब्राह्मण के चंगुल में फंस अपने को हिन्दू समझने की भूल कर बैठे हैं और उसकी साजिस समझने में देर कर रहे हैं।
18)प्रत्येक गांव के नक्शे में पुरखों के राइ रइआ के थान विद्यमान हैं लेकिन कोई मंदिर नहीं है।
19)मरखि में दसवें दिन शाम को घाट कामान से शुद्ध होते और रात मृतक का छाँहइर घर भितर घुसाते।
20)सिंदरादान के पूर्व लड़कि का महुआ व लड़के का आम बिहा होता है व सिनइ मिलान होता है।
21)विवाहित लड़कियां लोहे की खाढ़ू/मुठिया पहनती हैं।
22)मामी से मजाक नहीं चलता,भैंसूर से छूआइत रहता,साले की पत्नी बहिन मानी जाती,पत्नी से बड़ी बहिन से मजाक नहीं।
जोहार
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